梵文心經對照
By JIMz
編號 | 玄奘漢譯本 | 梵文 | 頁數 |
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01 | — | — | — |
01-1 | — | — | — |
02 | 觀自在菩薩 | आर्यावलोकितेश्वरो बोधिसत्त्वो | 048 |
03 | 行深般若波羅蜜多時 | गंभीरायां प्रज्ञापारमितायां चर्यां चरमाणो | 058 |
04 | 照見五蘊皆空 | व्यवलोकयति स्म पंचस्कन्धाः । तांश्च स्वभावशून्यान्पश्यति स्म ।। | 061 |
05 | 度一切苦厄 | n/a | 071 |
06 | 舍利子 | इह शारिपुत्र | 073 |
06-1 | n/a | रूपं शून्यता शून्यतैव रूपं ।। | 076 |
07 | 色不異空,空不異色 | रूपान्न पृथक्शून्यता । शून्यताया न पृथग्रूपं | 083 |
08 | 色即是空,空即是色 | यद्रूपं सा शून्यता । या शून्यता तद्रूपं ।। | 089 |
09 | 受、想、行、識,亦復如是 | एवमेव वेदनासंज्ञासंस्कारविज्ञानानि ।। | 094 |
10 | 舍利子,是諸法空相 | इह शारिपुत्र सर्वधर्माः शून्यतालक्षणा | 098 |
11 | 不生不滅,不垢不淨,不增不減 | अनुत्पन्ना अनिरुद्धा अमला न विमला नोना नपरिपूर्णाः ।। | 107 |
12 | 是故空中 | तस्माच्छारिपुत्र शून्यतायां | 115 |
13 | 無色,無受、想、行、識 | न रूपं न वेदना न संज्ञा न संस्कारा न विज्ञानानि ।। | 117 |
14 | 無眼、耳、鼻、舌、身、意 | न चक्षुःश्रोत्रघ्राणजिह्वाकायमनांसी । | 119 |
15 | 無色、聲、香、味、觸、法 | न रूपशब्दगंधरसस्प्रष्टव्यधर्माः । | 123 |
16 | 無眼界,乃至無意識界 | न चक्षुर्धातुर्यावन्न मनोविज्ञानधातुः । | 126 |
17 | 無無明,亦無無明盡 | न विद्या नाविद्या न विद्याक्षयो नाविद्याक्षयो | 133 |
18 | 乃至無老死,亦無老死盡 | यावन्न जरामरणं न जरामरणक्षयो । | 139 |
19 | 無苦、集、滅、道 | न दुःखसमुदयनिरोधमार्गा । | 143 |
20 | 無智亦無得 | न ज्ञानं न प्राप्तिः ॥ | 149 |
21 | 以無所得故 | तस्मादप्राप्तित्वाद्बो | 154 |
22 | 菩提薩埵,依般若波羅蜜多故,心無罣礙 | धिसत्त्वाणां प्रज्ञापारमितामाश्रित्य विहरत्यचित्तावरणः । | 157 |
23 | 無罣礙故,無有恐怖 | चित्तावरणनास्तित्वादत्रस्तो | 162 |
24 | 遠離顛倒夢想,究竟涅槃 | विपर्यासातिक्रान्तो निष्ठनिर्वाणः ।। | 165 |
25 | 三世諸佛,依般若波羅蜜多故,得阿耨多羅三藐三菩提 | त्र्यध्वव्यवस्थिताः सर्वबुद्धाः प्रज्ञापारमितामाश्रित्यानुत्तरां सम्यक्सम्बोधिमभिसंबुद्धाः ।। | 173 |
26 | 故知般若波羅蜜多,是大神咒 | तस्माज्ज्ञातव्यं प्रज्ञापारमिता महामन्त्रो | 183 |
27 | 是大明咒,是無上咒,是無等等咒 | महाविद्यामन्त्रो ऽनुत्तरमन्त्रो ऽसमसममन्त्रः | 187 |
28 | 能除一切苦 | सर्वदुःखप्रशमनः । | 193 |
29 | 真實不虛 | सत्यममिथ्यत्वात् ।। | 195 |
30 | 故說般若波羅蜜多咒 | प्रज्ञपारमिताया मुक्तो मन्त्रः । | 198 |
31 | 即說咒曰 | तद्यथा | 200 |
32 | 揭諦、揭諦,波羅揭諦,波羅僧揭諦,菩提薩婆訶 | गते गते पारगते पारसंगते बोधि स्वाहा ।। | 202 |
33 | 般若波羅蜜多心經 | इति प्रज्ञापारमिताहृदयं समाप्तम् ।। | 208 |
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- book : 梵藏漢心經對照
- ISBN : 978-986-5405-82-3
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